'संपत्ति निपटान समिति' की पृष्ठभूमि और उद्देश्य

रोज वैली ग्रुप की कंपनियों के निवेशकों को धन वापसी के उद्देश्य से माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता द्वारा 2015 के डब्ल्यूपीओ संख्या 275 में पारित आदेश दिनांक 15 मई, 2015 द्वारा संपत्ति निपटान समिति का गठन किया गया है। जिन्हें निवेशकों से दावा आमंत्रित कर उनका निवेश वापस नहीं किया गया है।

इसके बाद 2016 की WPA संख्या 27005 नामक एक और रिट याचिका दायर की गई और 2015 की WPO संख्या 275 की अब 2022 की WPA संख्या 7837, 2016 की WPA संख्या 25845, 2023 की WPA 18257, WPA 20812 के साथ समान रूप से सुनवाई की जा रही है। पोंजी स्कीम मामलों की सुनवाई के लिए गठित माननीय डिवीजन बेंच के समक्ष 2023 का, 2023 का डब्ल्यूपीए 20822, 2023 का डब्ल्यूपीए 20947, 2023 का डब्ल्यूपीए 24932।

15 मई, 2015 को नियुक्त संपत्ति निपटान समिति में अब माननीय न्यायमूर्ति डी.के. शामिल हैं। सेठ (कलकत्ता में माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश), प्रवर्तन निदेशालय के एक नामित सदस्य और पश्चिम बंगाल राज्य के एक नामित सदस्य।

निवेशकों को पैसा वापस करने के उद्देश्य से, संपत्ति निपटान समिति को माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता की अनुमति प्राप्त करने पर रोज़ वैली ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के तहत संपत्ति बेचने का भी अधिकार है।

संपत्ति निपटान समिति कलकत्ता में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के संदर्भ में कलकत्ता में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सौंपे गए उपरोक्त कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कार्य कर रही है।